SOCIAL SCIENCE Class-10 Syllabus || Chapter 1 NCERT यूरोप मैं राष्ट्रवाद का उदय

यूरोप मैं राष्ट्रवाद का उदय अध्याय -1 सभी प्रश्नो के उत्तर –

19 वीं शताब्दी में यूरोपीय महाद्वीप में राष्ट्रवाद (nationalism) की एक लहर चली जिसने यूरोपीय देशों का कायाकल्प कर दिया। जर्मनी, इटली, रोमानिया आदि नवनिर्मित देश कई क्षेत्रीय राज्यों को मिलाकर बने जिनकी राष्ट्रीय पहचान ‘समान’ थी। यूनान, पोलैण्ड, बल्गारिया आदि स्वतन्त्र होकर राष्ट्र बन गये।

यूरोप मैं राष्ट्रवाद का उदय
यूरोप मैं राष्ट्रवाद का उदय

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1 – फ्रेड्रिक सारयू कौन था ?

उत्तर – फ्रेड्रिक सारयू एक फ्रांसीसी कलाकार था 1848 इसवी में उसने चार चित्रों की एक श्रृंखला बनाई। जिसमें अपने सपनों का एक संसार रचा जो उसके शब्दों में जनतांत्रिक और सामाजिक गणतंत्रों से मिलकर बना था।

प्रश्न 2 – उदारवाद से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – दारवाद शब्द लैटिन भाषा की मूल Liber पर आधारित है जिसका अर्थ है ‘आजाद’। इसलिए उदारवाद का तात्पर्य है आजादी का व्यवहार।

प्रश्न 3 – इटली के एकीकरण में किन व्यक्तियों का योगदान था ?

उत्तर – इटली के एकीकरण में मेत्सिनी, गैरीबाल्डी, कावूर तथा विक्टर इमैन्युअल का योगदान था। मेत्सिनी ने इटली की आत्मा, गैरीबाल्डी ने तलवार, कावूर ने मस्तिष्क तथा विक्टर इमैन्युअल ने शरीर बनकर इटली के राष्ट्रीय एकीकरण को पूरा किया।

प्रश्न 4 – यंग इटली की स्थापना कब और किसने की ?

उत्तर – मेत्सिनी ने 1832 ईसवी में ‘यंग इटली’ नामक संस्था की स्थापना की थी।

प्रश्न 5 – इटली का राष्ट्रीय एकीकरण कब पूरा हुआ ?

उत्तर – 20 सितंबर, 1870 इसवी को इटली का राष्ट्रीय एकीकरण पूरा हो गया।

प्रश्न 6 – जर्मन राज्यों में सबसे अधिक शक्तिशाली दो राज्यों के नाम लिखिए ?

उत्तर – प्रशा और ऑस्ट्रिया।

प्रश्न 7 – ऑस्ट्रिया और प्रशा के शासन कौन थे ?

उत्तर – ऑस्ट्रिया – फ्रांसिस द्वित्तीय। और प्रशा – फ्रेड्रिक विलियम चतुर्थ।

प्रश्न 8 – विलियम प्रथम कौन था ?

उत्तर – विलियम प्रथम प्रशा के सम्राट फ्रेड्रिक विलियम चतुर्थ का भाई और रीजेंट था। 1858 ईस्वी में वह प्रशा और बाद में जर्मन साम्राज्य का सम्राट बना।

प्रश्न 9 – सेडोवा का युद्ध कब और किसके बीच हुआ ?

उत्तर – सेडोवा का युद्ध 1866 ईसवी में प्रशाऔर ऑस्ट्रिया के बीच हुआ था। इस युद्ध में ऑस्ट्रिया की पराजय हुई।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1 – 1804 की नेपोलियन नागरिक संहिता का विवरण दीजिए ?

उत्तर- 1804 की नागरिक संहिता जैसे साधारणतया तैयार नेपोलियन किस अनीता के नाम से जाना जाता है ने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए थे | उसने कानून के समक्ष बराबरी और संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया | इस सहिता को फ्रांसीसी नियंत्रण के अधीन क्षेत्रों में भी लागू किया गया | डच गणतंत्र स्वीटजरलैंड , इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनो को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और किसानों को भू दास्तव और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई। शहरों में भी कारीगरों की श्रेणी संगों के नियंत्रणो को हटा दिया गया। यातायात और संचार व्यवस्थाओं को सुधारा गया।

प्रश्न 21815 ई से 1848 ई तक जर्मनी की एकता के लिए किए गए प्रयास क्यों विफल रहे ?

उत्तर -जर्मनी की एकता या एकीकरण के लिए किए गए प्रयासों की विफलता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

1 जर्मन राज्यो में पारस्परिक स्पर्दा एवं द्वेष।

(2) जर्मनी उदारवादियों में मतभेद।

(3) ऑस्ट्रिया और प्रशा की शत्रुता।

4) मेटरनिख का प्रभाव।

(5) जर्मन राजाओं का असहयोग।

(6) सैन्य शक्ति की कमी।

(7) योग्य नेता का अभाव।

प्रश्न 5बिस्मार्क कौन था उसने जर्मनी का एकीकरण किस प्रकार किया है ?

उत्तर-बिस्मार्क जर्मनी के महान पुत्रों में से एक था उसने पूछा कि प्रधानमंत्री के रूप में जर्मनी का एकीकरण किया बिस्मार्क ने रक्त और लौह की नीति अपनाकर सर्वप्रथम शैलेश तथा ऑस्टिन के प्रशासन पर नियंत्रण स्थापित किया फिर राष्ट्रीय को छुड़वा के युद्ध 18 से 66 ईसवी में पराजित करके उसने जर्मन राजीव को उसके प्रभाव से मुक्त करा लिया तत्पश्चात बिस्मार्क ने सिद्धांत की युद्ध में फ्रांस के सम्राट नेपोलियन तृतीय को पराजित करके जर्मनी का एकीकरण पूर्ण कर दिया 18 जनवरी 18 सो 71 ईस्वी को प्रसाद सम्राट दिल्ली माई प्रथम महान जर्मन साम्राज्य का सम्राट घोषित किया गया था 271 ईसवी में बिस्मार्क जर्मन साम्राज्य का प्रधानमंत्री बना 18 से 90 ईसवी में जर्मन सम्राट केसर दिल्ली माई द्वितीय से मतभेद हो जाने के कारण बिस्मार्क ने त्यागपत्र दे दिया 21 जुलाई 18 सो 98 ईस्वी को 83 वर्ष की आयु में बिस्मार्क की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 4 -इटली के एकीकरण में कौन-कौन सी बाधाएं थी ?

उत्तर-इटली के एकीकरण में अनेक बाधाएं थी जिनमें से प्रमुख बाधाएं निम्नलिखित है।

1- इटली में बहुत से राज्य थी और इन राज्यों पर विभिन्न राजवंश का शासन था।

2- रूम का पॉप एकीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा था क्योंकि वह संपूर्ण यूरोप की कैथोलिक जनता का धार्मिक नेता था

3- इटली के विभिन्न शासकों में पारस्परिक ईर्ष्या तथा वेमंसय की भावना व्याप्त थी।

4- इटली की जनता में राष्ट्रीयता की भावना की कमी थी।

5- इटली की विभिन्न राजनीति दलों में एकता का अभाव था।

प्रश्न 5- कार्बोनरी क्या थी ?

उत्तर-कार्बोनरी का शाब्दिक अर्थ है कोयला जलाने वाले वास्तव में कार्बोनरी एक गोपनीय समिति का नाम था मेटरनिख की दमनकारी नीति से असंतुष्ट होकर इटली के देशभक्तों ने अनेक गुप्त समितियों की स्थापना की थी जिसमें कार्बोनरी नामक सीमित सबसे अधिक संगठित तथा शक्तिशाली थी इस समिति का प्रमुख उद्देश्य ऑस्ट्रिया को इटली से निकाल बाहर करना था।

प्रश्न 6-1815 ई से 1848 ई तक इटली के राष्ट्रीय एकीकरण के प्रयास क्यों विफल रहे ?

उत्तर-1815 ई से 1848 ई तक इटली के एकीकरण के प्रयासों की विफलता के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे।

(1) क्रांतिकारियों में एकता का अभाव था।

(2) क्रांतिकारियों को योग्य नेतृत्व ना मिल सका।

(3) इटली के विभिन्न राज्यों में गंभीर मतभेद था।

(4) यूरोप के शक्तिशाली देश इटली के एकीकरण के पक्ष में नहीं थे।

प्रश्न 7-फ्रांस में मारीआन की प्रतिमा का क्या महत्व था ?

उत्तर-(1) मारीआन फ्रांसीसी गणराज्य का एक प्रतीक चिन्ह थी ।

(2) उसकी विशेषताओं को स्वतंत्रता और गणतंत्र लाल टोपी, तिरंगा और कलगी से प्रदर्शित किया गया था।

(3) मारीआन की प्रतिमाएं सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे और लोग उससे तादात्म्य स्थापित कर सकें ।

(4) मारीआन की छवि सिक्कों और डाक टिकटों पर अंकित की गई ।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1 – 19वीं सदी में राष्ट्रवाद के विकास के लिए यूरोप में कौन से कारक उत्तरदाई थे ?

अथवा यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय के क्या कारण थे ?

उत्तर- उन्नीसवीं सदी के अंतिम चौथाई भाग तक राष्ट्रवाद का आदर्शवादी उदारवादी जनतांत्रिक स्वभाव समाप्त हो गया जो सदी के प्रथम भाग में था अब राष्ट्रवाद सीमित लक्ष्यों वाला संख्या सिद्धांत बन गया।

इस बीच के दौर में राष्ट्रवादी समूह एक दूसरे के प्रति अनुदार होते चले गए और लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहते थे साथ ही प्रमुख यूरोपीय शक्तियों ने भी अपने साम्राज्यवादी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अधिक लोगों की राष्ट्रवादी आकांक्षाओं का इस्तेमाल किया।

1871 ईस्वी के पश्चात यूरोप में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव का स्रोत बाल्कन क्षेत्र था इस क्षेत्र में भौगोलिक और जातीय विभिनता थी। इसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बेनिया, यूनान, मेसिडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया- हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनीग्रो शामिल थे।

क्षेत्र के निवासियों को आमतौर पर सलाव कहकर पुकारा जाता था। बाल्कन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था। बाल्कन क्षेत्र में रूमानी राष्ट्रवाद के विचारों के फैलने और ऑटोमन साम्राज्य के विघटन से स्थिति अधिक विस्फोटक हो गई। 19वीं सदी में ऑटोमन साम्राज्य मने आधुनिकरण और अंतरिक्ष सुधारों के जरिये मजबूत बन्ना चाहा था। किंतु इसमें इसे बहुत कम सफलता मिली। एक के बाद एक उसके अधीन यूरोपीय राष्ट्रीयताएं उसके चंगुल से निकलकर स्वतंत्रता की घोषणा करने लगी। बाल्कन लोगों ने स्वतंत्रता या राजनीतिक अधिकारों के अपने दाओं को राष्ट्रीयता का आधार दिया। उन्होंने इतिहास का इस्तेमाल यह सिद्ध करने के लिए किया कि वे कभी स्वतंत्र थे तत्पश्चात विदेशी शक्तियों ने उन्हें अधीन कर लिया। और बाल्कन क्षेत्र के विद्रोही राष्ट्रीय समूह ने अपने संघर्षों को लंबे समय से खोई आजादी को वापस पाने के प्रयासों के रूप में देखा।

प्रश्न 2 – 1789 स्पीक की फ्रांस की क्रांति के परिणामों पर प्रकाश डालिए ?

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